विस स्पीकर ने मतदाता सूचियों की भारी त्रुटियों पर जताई चिंता
Vidhansabha Speaker Expressed Concern
मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा, कहा- ऐसी कमियां लोकतंत्र की गरिमा के लिए ठीक नहीं
पंचकूला में घर-घर जाकर किया सर्वे, सूचियों में बड़ी संख्या में मृतकों के नाम
चंडीगढ़, 27 जुलाई: Vidhansabha Speaker Expressed Concern: हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मतदाता सूचियों में व्याप्त भारी त्रुटियों पर गहरी चिंता जताते हुए इनके निराकरण के लिए देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है। गुप्ता ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ-साथ आदर्श लोकतंत्र के तौर पर भी स्थापित हुआ है। मतदाता सूची की त्रुटियां लोकतंत्र की गरिमा के लिए घातक हैं। उन्होंने शनिवार को हरियाणा एमएलए हॉस्टल में आयोजित पत्रकार वार्ता में इन कमियों को दूर करने के लिए उनकी ओर से दिए गए सुझावों को भी साझा किया।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों में बड़ी संख्या में मृतकों और निर्वाचन क्षेत्र छोड़कर जा चुके व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। कुछ मतदाताओं के वोट एक से अधिक स्थानों पर बने हुए हैं। इस प्रकार की खामियां जहां चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्न खड़ा करती है, वहीं ये चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकती हैं।
विस अध्यक्ष ने कहा कि गत लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूचियों की अनेक खामियां उनके संज्ञान में आई। इसकी तह में जाते हुए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के सहयोग से पंचकूला निर्वाचन क्षेत्र के अनेक बूथों का डोर टु डोर सर्वे करवाया। इस सर्वे में गंभीर त्रुटियां उजागर हुई हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इनका निराकरण जरूरी है।
गुप्ता ने पंचकूला के सेक्टर-20 स्थित बूथ नंबर 48 का उदाहरण देते हुए कहा कि कुल 1376 मतदाताओं में से 38 मृत पाए गए और 257 मतदाता पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट हो चुके हैं। सर्वे में पाया गया है कि जो मतदाता पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित हो गए थे, उन्होंने पंचकूला में भी वोट डाला। उन्होंने आशंका जताई कि हरियाणा विधानसभा के आगामी चुनावों में दूसरे राज्यों के मतदाता परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पंचकूला निर्वाचन क्षेत्र के कुल 200 बूथों में से लगभग 23 बूथों पर सर्वे करवाया गया है। इन बूथों पर 3906 मतदाता ऐसे मिले जिनकी या तो मृत्यु हो चुकी है या वे आस-पास के क्षेत्रों में स्थानांतरित हो चुके हैं। ऐसे में प्रत्येक बूथ पर औसतन करीब 200 मतदाता गलत ढंग से दर्ज हैं। निर्वाचन क्षेत्र के सभी बूथों पर यह संख्या करीब 35 हजार हो सकती है।
उन्होंने मतदान केंद्र की दूरी का मामला भी मुख्य निर्वाचन आयोग के ध्यान में लाया है। गुप्ता ने कहा कि चंडी मंदिर छावनी क्षेत्र के मतदाताओं के लिए करीब 6 किलोमीटर दूर सेक्टर 6 स्थित स्कूल में मतदान केंद्र स्थापित किया गया। इस दूरी के कारण गत चुनाव में यहां मात्र 11 फीसदी मतदाता ही मतदान के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि चंडीमंदिर छावनी में ही मतदान केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए।
विस अध्यक्ष ने कहा कि पंचकूला के सीमावर्ती इलाकों में स्थित लेबर कॉलोनियों में डबल वोट हैं। इसलिए मतदाता सूचियों को अपडेट करने की जरूरत है। इसके लिए संबंधित बीएलओ को सख्त निर्देश जारी करने होंगे।
उन्होंने 85 वर्ष से अधिक उम्र वाले वृद्धजनों की समस्या को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने ऐसे व्यक्तियों को घर से वोट डालने की सुविधा देकर सराहनीय काम किया है, लेकिन उनके लिए मतदान की तारीख वास्तविक तिथि से 15 दिन पहले तय की गई है। कई बार इतनी पहले मतदान अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाती। इसलिए वृद्धजनों को वास्तविक तिथि से कम से कम 3 दिन पहले घर से मतदान करने की अनुमति दी जाए।
विस अध्यक्ष ने चेताया कि कुछ रिटर्निंग अधिकारियों ने जानबूझकर मतदान की प्रक्रिया को धीमा किया। इसके कारण कतारें लंबी हो गईं और मतदाताओं को एक घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। इसके चलते अनेक मतदाताओं ने कतार से हटने का फैसला किया और अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रति घंटे मतदान की न्यूनतम संख्या तय करने की आवश्यकता है। प्रतीक्षा कतार का प्रबंधन बरामदों में या शेड के नीचे करना चाहिए। उन्होंने प्रति बूथ वोटों की अधिकतम संख्या एक हजार तक रखने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि वृद्ध, विकलांगों और चिकित्सीय समस्या वाले व्यक्तियों को दी जाने वाली सुविधा को भी दुरुस्त करना चाहिए। निर्वाचन आयोग ने नए वोट बनवाने के लिए पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया है, लेकिन इस मामले में संबंधित बीएलओ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में रुचि नहीं लेते। उनके लिए सख्त हिदायत जारी की जानी चाहिए।